जोंगीरा सर रर .........,कबीरा सर रर ........,
साधों , ये कैसी फूहडता ,
होलीका दहन, मे किसे जलाते हो .
गावं -गावं, घूम कर कबीरा गाते हों .
जोगीरा सर रर ..........,कबीरा सर रर ........,
साधों , ये कैसी फूहड़ता ,
होरी गाते हो. खुशी मनाते हो .
फिर भी कबीर को, गाली के साथ गाते हों .
जोगीरा सर रर ......., कबीरा .सर रर .......,
जो होरियारा गाली बके, चले हमारे साथ ,
और इकठठा होकर , मगहर आम़ी घाट
जहाँ कबीरा खड़ा है, लिये पिचकारी हाथ ,
जाति धरम को त्याग कर ,
मिल बैठे राजा- रंक, फ़क़ीर .
अमीर- ग़रीब सब होली खेले ,
गावे कबीर -कबीर .