सन्त कबीर : भारत में सामाजिक पुनर्जागरण-2
सिखों के प्रसिद्ध पुस्तक ग्रन्थ साहिब में सन्त कबीर पर हुए अत्याचार का बड़ा ही मार्मिक वर्णन है -
गंगे के लहरिया में टूट गई जन्जीर , मृग छाला पर बैठे कबीर .
कहे कबीर कोई संग न साथ , जल - थल राखत है रघुनाथ .
कहे कबीर कोई संग न साथ , जल - थल राखत है रघुनाथ .
भारत में भक्ति काल के संतों का भारतीय पुनर्जागरण में बड़ा ही योगदान रहा ,जिसका जन - मानस पर गहरा प्रभाव पड़ा .
- आखिन देखी का महत्व .
- अंध - विस्वास / धार्मिक विषयो के स्थान पर कर्म में विस्वास .
- लोक भाषा को बढ़ावा ,यथा - संस्कृत कूप गंभीर .
- अलोच्नातामक व अन्वेश / वैज्ञानिक प्रबृत पैदा करना .
- मानवता वादी विचार धारा का विकास .
- सामन्त -वाद का मुखर विरोध .
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